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अहसासो के पंख -09-Dec-2022

प्रतियोगिता के लिए
दिनांक: 09/12/2022
अहसासो के पंख

अहसासो के अगर होते पंख 
हम भी यूँ तन्हा ना होते।
हमारा भी होता कोई हमराज़, 
जिनसे नग़में हमारे जवां होते।।

खामोशियों की चादर ओढ़ कर 
आज वक्त हम पर तरस खा रहा।
काश! होता चांद साथ हमारे,
हम भी आज रौशन यहाँ होते।।

अहसासो के अगर होते पंख 
हम भी यूँ तन्हा ना होते।।

सिमट गए आज हम खुद में ही,
करें भी तो क्या करें बताए कोई?
दिल होता अगर बस में हमारे,
यूँ धड़कनो पर हम फिदा होते ।।

अहसासो के अगर होते पंख 
हम भी यूँ तन्हा ना होते।।

शाहाना परवीन"शान"...✍️
पटियाला पंजाब

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6 Comments

Gunjan Kamal

17-Dec-2022 05:38 PM

बहुत सुंदर

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Pranali shrivastava

10-Dec-2022 07:55 PM

बहुत खूब

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शानदार प्रस्तुति 👌🙏🏻

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Shahana Parveen

10-Dec-2022 10:39 AM

धन्यवाद आदरणीय जी

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